ये कविता आपको ठोस निर्णय लेने और आपकी ताकत को पहचानने के लिये प्रेरित करेगी।
ये कविता मैंने उन लोगों को जवाब के रूप में लिखी है जो हर वक्त आपकी कमियाँ निकालते रहते है ं। आपको नीचा दिखाने के तरह-तरह की कोशिशें करते है ं।
उन लोगों की मानसिकता ही ऐसी होती है कि वे किसी को आगे बढ़ते हुए नहीं देख सकते और हर पल बस आपको रोकने की उधेड़बुन में लगे रहते है ं।
ऐसे लोगों की नकारात्मक सोच का प्रभाव रोकने के लिए मैंने ये कविता दिल से लिखी है ।
# best reply poem to negative people in Hindi
लाख कमियाँ है मुझमें
मैं इनकार नहीं करता,
इतने सवाल ना उठाओ मुझ पर
मैं परवाह नहीं करता ।
तुम जितना मुझे जलाओगे
मैं तपता चला जाऊँगा,
तुम जितने काँटे बिछाओगे
मैं संभलता चला जाऊँगा।
मुझे निराश करने के लिए
सारी दुनिया भी कम पडेगी,
शायद खुदा भी निराश हो जाए
जब मेरी साँसें थम पडेगी।
ये मैं नहीं हूं शायद
ये मेरा जुनून बोल रहा है
बस कलम की धार तेज हो चुकी है
और शब्द, शब्द को तौल रहा है ।
मैं उनमें से नहीं हूं
जो आँधी में आँखें मूंद ले,
मैं वो खाली कुँआ हूं
जो बख्शीश में ना एक बूँद ले।
रेत में किश्ती नहीं चलती
पर हम चलाकर दिखा देंगे,
जिन्हें विश्वास नहीं हम पर
हुनर ये, उन्हें भी सिखा देंगें।
दूसरों के भरोसे छोड़ दी जिंदगी
अपने तरीके से मरना चाहते हैं,
जिस रास्ते से डरती है दुनिया
उस रास्ते से गुजरना चाहते हैं ।
जंग चाहिए तो पूरी फौज बुला लो
मैं निहत्थों पर वार नहीं करता,
लाख कमियां हैं मुझमें
मैं इनकार नहीं करता,
इतने सवाल ना उठाओ मुझ पर
मैं परवाह नहीं करता ।
-By Naveen Choudhary
इतने सवाल ना उठाओ मुझ पर
मैं परवाह नहीं करता ।
तुम जितना मुझे जलाओगे
मैं तपता चला जाऊँगा,
तुम जितने काँटे बिछाओगे
मैं संभलता चला जाऊँगा।
मुझे निराश करने के लिए
सारी दुनिया भी कम पडेगी,
शायद खुदा भी निराश हो जाए
जब मेरी साँसें थम पडेगी।
ये मैं नहीं हूं शायद
ये मेरा जुनून बोल रहा है
बस कलम की धार तेज हो चुकी है
और शब्द, शब्द को तौल रहा है ।
मैं उनमें से नहीं हूं
जो आँधी में आँखें मूंद ले,
मैं वो खाली कुँआ हूं
जो बख्शीश में ना एक बूँद ले।
रेत में किश्ती नहीं चलती
पर हम चलाकर दिखा देंगे,
जिन्हें विश्वास नहीं हम पर
हुनर ये, उन्हें भी सिखा देंगें।
दूसरों के भरोसे छोड़ दी जिंदगी
अपने तरीके से मरना चाहते हैं,
जिस रास्ते से डरती है दुनिया
उस रास्ते से गुजरना चाहते हैं ।
जंग चाहिए तो पूरी फौज बुला लो
मैं निहत्थों पर वार नहीं करता,
लाख कमियां हैं मुझमें
मैं इनकार नहीं करता,
इतने सवाल ना उठाओ मुझ पर
मैं परवाह नहीं करता ।
-By Naveen Choudhary
जो लोग आपको भी कमियाँ निकालकर इस तरह परेशान करते है ं तो ये कविता उन तक जरूर पहुँचाएं।
Superb bro
ReplyDeleteVery Good...��
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