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BEAUTIFUL POETRIES, IN HINDI

YOU ARE DIFFERENT BECAUSE, YOU ARE THE BEST

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मैं किशोर हूँ !

Naveen Choudhary

 

मैं पल-पल बदलता मौसम हूँ

कभी अमावस तो कभी रोशन हूँ !

कभी उगते हुए सूरज की तरह,

कभी चंचल तो कभी मूरत की तरह !

कभी प्रचण्ड, उद्यण्ड और निर्भयी हूँ,

कभी कायर, शायर फिर वही हूँ !

कभी दुनिया मझे मुट्ठी में करनी,

तो कभी तबियत की भी फिकर नहीं !

कभी अटल जी के अल्फाजों जैसा,

सहज, पर भारी साजों जैसा !

कभी मृत्यु के प्रत्यक्ष से चिंतित,

तो कभी जीवन के अंत से विचलित !

कभी पुजारी हूँ मैं प्यार का,

कभी एकांत ही लगे संसार सा !

कभी किनारा करूँ मैं सब से,

तो कभी हंसमुख, हरेक शख्स से !

कभी घोर अंधेरा छाता मन में,

तो कभी आग सी चमक हर अंग में !

ज्यों आंधी में दीपक की हालत,

कभी स्थिर तो कभी फड़फड़ाहट !

कभी मैं अकेला, उदास रोता भी हूँ,

क्या जरूरी किसी के लिए होता भी हूँ !

ये उतार चढ़ाव, ये व्यथा, ये पीड़ा,

कभी करती ग्रस्त तो कभी लगे क्रीड़ा !


मैं कभी हूँ सुकून की शाम जैसा,

तो कभी मंत्रमुग्ध सी भोर हूँ,

व्यथा, उम्मीदें, प्यार और कष्ट 

समेटे बैठा मैं किशोर हूँ !

मैं किशोर हूँ !!!!!!!!!!!!!!!!


- (नवीन श्योराण)

निराशा सच में नहीं - कविता

Naveen Choudhary

 शीर्षक - " निराशा सच में नहीं "





निराशा सच में नहीं,
वहम है ये तो 

जिस तरह से मृग को
पानी दिखता,
ज्यों कलम पकड़कर
अनपढ़ लिखता,
ज्यों सावन की पहली बारिश
ठंडी नहीं, दहम है ये तो,

निराशा सच में नहीं,
वहम है ये तो 

ज्यों ठहर-ठहर के 
सपने आते,
ज्यों अपने बनकर 
अपने आते,
दिशा एक में चलने वाला
परि-वहन है ये तो,

निराशा सच में नहीं,
वहम है ये तो 

जैसे चाँद पे बैठी
बूढ़ी दादी,
धूप में बारिश तो
गीदड़ की शादी,
ना मानो कहना
तो हो बर्बादी,
सिखाया समाज ने तो
हमने भी हाँ की,

विजेता भी कहता फिरे
खुदा का रहम है ये तो,

निराशा सच में नहीं,
वहम है ये तो 

                                             - (नवीन श्योराण)

Beautiful poetry on winter

Naveen Choudhary

              A poem about winter's beauty 



सर्दी का भी अजब मिजाज है

आते ही इसके सब ठिठुरने लगे
सर्द हवाओं में सब सिकुड़ने लगे

आग के चारों तरफ घेरा है
धुंध से लिपटा धुंधला सा सवेरा है
पहले जो उड़ते थे आसमां में
अब घोंसलों में उनका बसेरा है

सर्दी के कहर का ये तो बस आगाज है
सूरज के सामने दबती सर्दी की आवाज है

सूरज थोड़ी राहत लेकर आता तो है
आते ही धुंध को भगाता तो है
जो देखते थे सूरज को खिड़कियों से कभी-कभी
उनकी नज़रें धूप से मिलाता तो है

सूरज और सर्दी की टक्कर में 
न जाने कौन जीत जाएगा
पर यूं ही सर्दी से छिपते-छिपाते
ये मौसम भी बीत जाएगा।





Poetry on Indian Farmers | Hindi poem to support farmers

Naveen Choudhary

 Best Hindi poetry on Indian Farmers protest

# किसान एकता जिंदाबाद # farmer protest Delhi # farmer protest Delhi reason



 मिट्टी में मिट्टी बन-बनकर 

अमीरों का पेट भरता है जो

जिसे अन्नदाता कहती है दुनिया

सबसे पुण्य का काम करता है वो,


आज इतना मजबूर हो गया 

सरकारों का मजदूर हो गया

हक अपना अब लेकर रहेंगें

जुल्म तुम्हारा भरपूर हो गया,


गद्दी पर बैठने वाले क्या जानें 

खेत हमारे हमसे कुछ कहने लगे हैं

पर हम नजरें नहीं मिला पा रहे

क्योंकि रोजी-रोटी के ख्वाब भी ढ़हने लगे हैं


अपनी छोड़ जमीनें निकल पड़े हैं

लाठियों के आगे डटे खड़े हैं

आँच आया है मुँह के निवाले पर

इसीलिए सीधे दिल्ली से भिड़े हैं।

# kisaan union # farmer protest Delhi why


                                   - Naveen Choudhary



जिंदगी की चार सीख | The most knowledgeable story for Life

Naveen Choudhary

 जिंदगी की चार सीख

 Extreme knowledge in old people   stories for life.

शहर के जाने-माने सेठ का इकलौता वारिस पुन्नी लाल अब सारा कारोबार समझने लगे थे और जिम्मेदार भी बन चुके थे। सेठ का आखिरी समय आ चुका था और जाने से पहले सेठ ने पुन्नी लाल को चार बातें बताई -
  1. घर से दुकान तक केवल छाया में आना और जाना।
  2. औरत को भेद मत बताना।
  3. घर में झाड़ी मत लगाना।  
  4. पुलिस वाले से दोस्ती मत करना।
और कहा - ये चार बातें गांठ बाँध लेना। पुन्नी लाल ने चारों बातें सुनी और पक्की कर ली। सेठजी गुजर गए।
पुन्नी लाल ने सभी सेठों को बुलाकर बढ़िया भोज कराया।
रीत-रिवाज के साथ सेठ जी का अंतिम संस्कार किया गया।
अब पुन्नी लाल सेठ जी का सारा कारोबार संभालने लगा।
पुन्नी लाल को अपने पिता की चारों बातें याद थी। पुन्नी लाल ने सोचा " क्यों न पिता की बातों को आजमाया जाए ? " 
पुन्नी लाल ने अपने घर से लेकर दुकान तक छत लगवादी।
घर में एक झाड़ी भी उगा दी । एक पुलिस वाले से यारी भी कर ली। अब केवल औरत को भेद बताने वाली बात बची थी।

कुछ महीनों बाद मौका देखकर पुन्नी लाल ने राजा जी के बेटे को अगवाह कर लिया और अपने घर में लाकर बंद कर दिया और उसे खेलने खाने की पर्याप्त चीजें दी , जिससे वो रोए ना और उसका मन लगा रहे। फिर जाकर कहीं से एक भेड़ का सिर काट लाया।



पुन्नी लाल की पत्नी कुएं से पानी लाने गई हुई थी। जैसे ही वो घर में दाखिल हुई, उसने देखा पुन्नी लाल चूल्हे में कुछ गाड़ रहा था। पुन्नी लाल की पत्नी ने पूछना चाहा पर पुन्नी लाल ने मना कर दिया। पुन्नी लाल की पत्नी ने बार-बार पूछा। 

आखिरकार पुन्नी लाल ने कहा - " किसी को बताना मत, वरना मैं मारा जाऊंगा। 
पत्नी - ठीक है, मैं किसी को नहीं बताऊंगी। 
पुन्नीलाल - ये चूल्हे में मैं राजा के बेटे का सिर गाड़ रहा था। दरअसल मैंने राजा के बेटे को मार दिया ।
अब तुम ये बात यहीं भूल जाओ, और किसी को कुछ मत बताना।
पुन्नी लाल की पत्नी दोबारा पानी भरने गई तो उससे रहा न गया, उसने सारी बात अपनी पड़ोसन से कह दी और कहा - किसी को बताना मत। आगे भी यही हुआ और बात फैलती-फैलती राजा तक पहुँच गई। राजा जी ने तुरंत पुन्नी लाल को हाजिर करने का हुक्म दिया।

वही पुलिस वाला, जो पुन्नी लाल का दोस्त था पुन्नी लाल को लाने के लिए गया। पुन्नी लाल खाना खा रहा था।
पलिस वाले ने खाना खाते हुए पुन्नी लाल का हाथ पकड़कर उसेे खड़ा कर दिया और बोला - चल हरामजादे ! राजा के बेटे को मारेगा ? 



और जैसे ही पुन्नी लाल चलने लगा, उसका गमछा उस झाड़ी में फंस गया। और पुलिस वाले ने उसे गमछा निकालने से पहले ही धक्का मारकर आंगन से बाहर कर दिया और राजा के पास ले गया।

वहाँ पहुँचकर पुन्नी लाल ने सारा मामला बताया और बताया कि आपका बेटा जिंदा है और सुरक्षित भी ।
मैंने तो ये सब इन चार बातों के लिए किया था । और अब मुझे ये बातें समझ में आ गई हैं।
तब राजा ने कहा - बाकी सब तो ठीक है, मगर पहली बात का अर्थ ये नहीं है कि घर से दुकान तक छत लगवादी जाए। 

घर से दुकान तक छाया में जाने का अर्थ है कि सुबह सूरज निकलने से पहले दुकान जाओ और शाम ढ़लने के बाद घर आओ।

तो इस तरह से पुन्नी लाल को अपने पिताजी की सारी बातें समझ आ गई।

ताऊ की लड़ाई | An amazing funny Hindi story

Naveen Choudhary

 Amazing funny Story in Hindi

             ( ताऊ की लड़ाई )

तो बात ऐसी है कि एक गाँव में थे दो भाई - चंदू और बंदू।
और उनके काम भी उनके नामों के जैसे ही थे। गाँव में दोनों के पास ज्यादा खेती नहीं थी, तो दोनों ने तय किया कि उनमें से एक गाँव में ही खेती करेगा और दूसरा कहीं बाहर जाकर काम करेगा।
बंदू भैया बाहर जाने के लिए राजी हो गए । काम ढूंढ़ने के लिए अगले दिन गाँव से निकले और घूमते-घूमते एक गाँव में जा पहुँचे। 




एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति अपने घर के दरवाजे में बैठा हुक्का गुड़गुड़ा रहा था। बंदू भैया जा पहुँचे और हुक्का पीकर बोले - ताऊ, यहाँ कोई काम मिल सकता है क्या ?
ताऊ - काम तो मिल जाए, पर कैसा काम चाहिए? ये तो बताओ।
बंदू - ताऊ कोई भी काम चलेगा। तनख्वाह ठीक होनी चाहिए ।
ताऊ - तो भाई ! ऐसा है, कि तू मेरे यहीं पर रह जा। घर के रोजमर्रा के काम कर देना । भैंस का ध्यान रख लेना।
खाना और रहना सब यहीं कर देंगे तेरा। मैं और तेरी ताई दो ही जने रहते है ं यहाँ ।

बंदू भैया ने हाँ कर दी। फिर ताऊ बोले - भाई बाकी सब तो ठीक है पर मैं तुझे तनख्वाह तभी दूंगा जब तू मुझे और तेरी ताई को लड़वा देगा।
बंदू भैया ने सोचा कभी न कभी तो ताऊ और ताई लड़ ही लेंगे। बंदू ने शर्त मंजूर कर ली।

अब बंदू को रहते महीना हो गया पर ताऊ ताई से लड़ना तो दूर, ऊँची आवाज में बात भी न करते थे। घर का काम सारा बंदू कर ही देता था, ताऊ को क्या जरूरत थी लड़ने झगड़ने की ? 
दो महीने बाद भी यही हाल रहा। अब बंदू थककर ताऊ को आकर बोला - ताऊ, मैं अब और नौकरी नहीं करूँगा।
मेरा जो बनता है, मुझे दे दो।
ताऊ - नहीं भैया, बात हुई थी हमें लड़वाने की, वो तुम कर नहीं पाए । 

बंदू भैया मुंह लटकाकर चल दिए। गाँव आकर चंदू को सारी बात बताई। तो चंदू भैया बोले - ऐसा कर, तू कर एक महीने खेती और मैं जाता हूं बाहर। बंदू भैया मान  गए ।

अब वैसे ही चंदू भैया ने भी शर्त के मुताबिक ताऊ के यहाँ काम करना शुरू कर दिया। ताऊ को बता भी दिया कि वो बंदू का ही भाई है ।
कई दिन चंदू ने हिसाब-किताब देखा। फिर एक दिन मौका देखकर ताई के पास जाकर बोला - ताई, क्या बात है आपके बेटे-बेटियाँ कोई आता ही नहीं है, कहाँ रहते हैं?

ताई - बेटा, क्या बताऊं भगवान को मंजूर ही नहीं था। मुझ अभागन की कोख सूनी ही रख दी उस ऊपरवाले ने।
चंदू - बस इतनी सी बात ताई ! इसका तो मेरे पास पुख्ता इलाज है । ऐसा टोना जानता हूँ कि संसार में कोई नहीं जानता।
बस, आप मुझे ताऊ की मूछों के दो बाल ला दीजिएगा।
और किसी को पता भी न चले।
ताई तो खुशी-खुशी मान गई। नाई के पास जाकर उस्तरा ले आई।

उधर चंदू पहुँच गया ताऊ के पास । बोला - देख ताऊ, आज तुझे ताई न छोड़ेगी। तेरी गर्दन काटने की योजना बना रखी है । 
ताऊ - तेरी बात गलत नहीं निकलनी चाहिए ।
चंदू - ताऊ, गलत निकली तो तेरी जूती मेरा सिर।

ताई के भाई भी उसी गाँव में बसते थे। उनके पास जाकर चंदू भैया बोले - भाई देखो, मैंने सोचा आपको बता ही दूं। दरअसल बात ऐसी है कि ताऊ आज ताई को छोड़ेगा नहीं, जान से भी मार सकता है ।
सारे भाई उछलकर पड़े, बोले हमारे होते हमारी बहन को हाथ तो लगा दे कोई ।



चंदू भैया यहीं नहीं थमने वाले थे।

ताऊ के भाईयों को भी बोल आए कि ताई के कड़ुमे वाले आज ताऊ को मारेंगे। तो वो भी लट्ठ ले लेकर तैयार हो गए ।



रात हुई, ताऊ खाट पर दरी के नीचे बड़ा लट्ठ लिए सोने का नाटक कर रहा था। उधर ताई के भाई भी छिपे बैठे थे। और दूसरी तरफ ताऊ के परिवार वाले भी।

ताई अपना काम करने के लिए उस्तरा लेकर ताऊ की तरफ बढ़ी। ताऊ पलकों में से देख रहा था, ताऊ को चंदू की बात पर यकीन हो गया ।
जैसे ही ताई पास आई, ताऊ ने लट्ठ निकालकर पाँच-सात फटकारे। ताई रोई, तो ताई के भाई भी कूद पड़े और ताऊ को धोने लगे । इतने में ताऊ के परिवार वाले भी कूदे और धमाधम मच गई।

सुबह हुई, चंदू आँखें मसलता हुआ वहाँ आया। कोई माथा पकड़े बैठा था, किसी का हाथ टूटा, किसी का पैर।
चंदू आकर बोला - ताऊ और करवाऊं लड़ाई या काफी
 है ?
ताऊ - अरे मार दिया रे बाप ! ये तेरा काम था ?
चंदू - आपने ही कहा था, मुझे और तेरी ताई को लड़वा दे तभी तनख्वाह दूंगा। मैंने पूरे खानदान को ही लड़वा दिया। 
अब मुझे मेरी ही नहीं, मेरे भाई बंदू की तनख्वाह भी दो।

चंदू भैया दोनों भाईयों की तनख्वाह लेकर अपने गाँव पहुँचे और दोबारा बंदू को बाहर काम न करने की सलाह दी।

कहानी पंचों की | very funny story of rural area

Naveen Choudhary

 Best funny Hindi story of village life


कहानी चार पंचों की -

तो भाईयो, बात उस समय की है, जब कानून से पहले और ऊपर पंचायत का फैसला होता था। 
एक गाँव के चार पंचों के पास एक दूसरे गाँव के कोई जमीन के विवाद के लिए पंचायत का बुलावा आया।
सभी पंच जाने के लिए तैयार हो गए और सुबह सात बजे निकलने का समय तय किया गया ।




दरअसल, वे चारों पंच हर समय एकदम बन-ठन के और चौधरी बनकर रहते थे। 

दूसरे दिन सुबह के सात बजे तय समय पर चारों पंच गाँव से निकले । जिस गाँव में पंचायत होनी थी वो पंचों के गाँव से काफी दूर था ।
उस गाँव तक पहुँचते-पहुँचते चारों पंच बुरी तरह थक गए। और सब भूख के मारे मर रहे थे। चारों को झटका तो तब लगा जब उन्हें पता चला कि उनके पहुँचने से पहले ही पंचायत का फैसला हो चुका था और विवाद हल करके सब अपने-अपने घर जा चुके थे।

अब चारों पंचों की अकड़, शान और नखरे घुटनों पर आ चुके थे। वापिस जाने के सिवा और रास्ता ही क्या था ?
चारों उस गाँव से निकल ही रहे थे कि उन्हें एक घर से गरमा-गरम रोटियों की खुशबू ऐसी लगी जैसे कई बरसों के भूखे हों।

तय हुआ कि सब बारी-बारी से जाएंगे और खाना खाकर आएंगे। और बाकी लोग गाँव के बाहर प्याऊ पर बैठे इंतजार करेंगे।
पहले एक पंच ने जाने की जिद की और चले भी गए।
अंदर एक औरत चूल्हे पर गरमा-गरम रोटियाँ सेक रही थी।




पंच साहब ने विनम्रता से अपना हाल बताया और खाने की गुजारिश की। पर शायद वो गलत घर में आ गए थे।

औरत ने पंच साहब से कहा - खाना तो मैं एक शर्त पर खिलाऊंगी।
पंच - मुझे हर शर्त मंजूर है। बताइए क्या शर्त है?

औरत - अगर आप मुझे ऐसी कहानी सुनाएं जो आज से पहले न तो किसी ने कही हो, न किसी ने सुनी हो, और न किसी ने देखी हो । 
ऐसी कहानी अगर आपने सुना दी तो आपको खाना खिलाऊंगी और अगर नहीं सुना पाए तो यहाँ से घसीटकर चौक के बीच में ले जा छोडूंगी।

पंच साहब तो हिल गए । ऐसी कहानी तो वो नहीं सुना पाए । और वादे के मुताबिक उनके साथ वही किया गया जो उन्हें पहले बताया था।
पंच साहब चौक से उठे, कपड़े साफ किए और प्याऊ पर इंतजार में बैठे बाकी पंचों के पास जाकर मुँह पर हाथ फेरा, झूठी डकार ली और बोले - भई खाना खाकर मजा आ गया। एकदम गरमा-गरम ।

ये सुनते ही दूसरे पंच साहब भी उस घर की तरफ दौड़े और उनके साथ भी वही हुआ, वो भी उसी तरह बेईज्जत हुए, पर मजाल कि अपने दोस्तों को बतादें। उन्होंने भी यही कहा कि - खाना लाजवाब था । 
ऐसे ही बाकियों का भी नंबर आ गया।

पर सबसे आखिरी जो पंच था मुनसी राम, वो इन सबसे अलग और शातिर था। अब वो पहुँच चुका था। उसके सामने भी वही शर्त रखी गई।
मुनसी - ऐसी कहानी तो मैं बाद में बताऊंगा पर पहले तुम जाकर वो मुफ्त में बंट रही गुड़ की भेली (पाँच किलो गुड़ की चक्की) तो ले आओ। कोई ऊँटगाड़ी वाला बाँट रहा है कहीं ऐसा न हो तुम रह जाओ।

इतना सुनते ही वो औरत बोली - मैं आऊं तब तक घर का ध्यान रखना। 
ये कहकर वो औरत भेली लेने भागी।
इतने में वहाँ एक बाबाजी भिक्षा माँगने के लिए आए। तो बाबाजी को भी मुनसी ने वही भेली वाली बात बताई और बोला - बाबाजी, ये झोली तो आप यहाँ टाँग दीजिए और जल्दी जाकर वो भेली वाले को ढूँढिए।




बाबाजी भी झोली टाँगकर भाग गए।

अब आए उस औरत के पति। तो भैया मुनसी जी ने उन्हें कहा कि आपकी पत्नी एक बाबाजी के साथ भाग गई है।
ये देखो झोली यहीं टाँग गए बाबाजी।

इतना सुनते ही वो भी भागा। किसी बाहर वाले से पूछा तो यही बोले कि यहाँ से एक बाबाजी और औरत गए तो थे।

उधर कोई खेत में गए ऊँटगाड़ी के निशान देखकर औरत और बाबाजी भागे जा रहे थे। उनके बीच में थोड़ा ही फासला था।
उधर से उस औरत का पति भी वहाँ पहुँच गया । उन्हें देखकर उसे पक्का यकीन हो गया। उसके हाथ में एक बड़ा लट्ठ था। पहुँचते ही चार-पाँच तो मारे उस बाबाजी के और चार-पाँच मारे अपनी पत्नी के, और घर तक उसे पीटता हुआ लाया।

रोती चिल्लाती सुनते ही पड़ोसनें भी आ पहुँची। पर आगे फिर हमारे मुनसी राम जी बैठे थे। पड़ोसनों को बोले - जी, दरअसल इनके पिताजी चल बसे, इसीलिए रो रही हैं।
पड़ोंसने भी उस औरत के पास आकर रोने लगीं। तब उस औरत ने उनसे पूछा कि वो क्यों रही हैं। तब उन्होंने बताया कि वो बाहर जो बैठे हैं उन्होंने कहा कि आपके पिताजी नहीं रहे।

तब उस औरत ने मुनसी राम के पास जाकर कहा - हे मेरे बाप ! क्या चाहिए तुझे ? मैंने क्या बिगाड़ा है तेरा ?

तब मुनसी राम जी बोले - आपने ही कहा था ऐसी कहानी सुनाने को। आपने कहीं देखी है ऐसी कहानी ? सुनी है ?
कही गई है आज तक ?
तो औरत बोली - मुझे माफ कर दो भाईसाहब! आ जाओ, आप खाना खालो और मुझे बख्श दो। और तो और उन अपने साथियों को भी बुला लो। वो भी खा लेंगे।

सब पंचों ने पेट भर कर खाना खाया और गाँव की तरफ चल दिए।

Good Morning Quotes in Hindi | Best Good Morning Thoughts with images

Naveen Choudhary

Good Morning Quotes in Hindi 

Best quotes in Hindi which make your morning and day very big and beautiful, So read every morning for a good morning.

हमारी जिंदगी का हर एक दिन खास होता है । और हर एक दिन की सुबह उससे भी ज्यादा खास, क्योंकि हर दिन की शुरूआत एक प्यारी और शानदार सुबह से होती है । 

जब कभी हमारे दिन की शुरूआत यानि कि सुबह अगर अच्छी होती है या कोई अच्छी खबर हमें सुबह-सुबह सुनने को मिलती है तो हमारा पूरा दिन अच्छा और बढ़िया गुजरता है ।

इसीलिए आपकी अच्छी सुबह के लिए कुछ सुविचार यहाँ पर हैं । उन्हें पढ़िए और अपने शुभ दिन की शुरूआत कीजिए।

# Good morning quotes in Hindi

                                                                                 (1)


सुबह के विचार ही आपका दिन बन जाते हैं और एक-एक दिन कर आपकी जिंदगी बन जाती है ।

                                                                                   (2)


सुबह एक शुरूआत है बीते हुए कल जैसे दिन की या एक शानदार और यादगार दिन की ।

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                                                                                (3)


अपनी हर सुबह बेहतर बनाने के लिए दुआ न करें बल्कि ये मान लें कि आपकी हर सुबह बेहतर और शानदार है ।

# smile good morning quotes in hindi
                                                                                (4)


रोज सुबह उठने से पहले अपनी शानदार सुबह के लिए ईश्वर को धन्यवाद जरूर दें।

                                                                                 (5)


सुबह-सुबह दिमाग उपजाऊ जमीन की तरह होता है जिसमें बोए गए बीज बहुत जल्दी ऊगते हैं ।

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                                                                                (6)


रोज सुबह हजार विचारों से दिमाग को भरने से अच्छा है केवल इतना सोचो कि " आप सबसे ज्यादा खुशनसीब हैं "।
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                                                                                 (7)


हर सुबह बिना बात के मुस्कुराएं, इससे आप खुश रहना सीख जाएंगे।
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                                                                                 (8)


सुबह जल्दी उठें क्योंकि आप जितनी देर से उठेंगे आपका दिन और सोच उतने ही छोटे होते जाएंगे।
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                                                                                (9)


अच्छी सुबह और बेहतरीन दिन के लिए जरूरी है कि उठते ही आपके दिमाग में सकारात्मक विचार आएं।

मूलाराम की चतुराई | Story of a wise man

Naveen Choudhary

मूलाराम की चतुराई की कहानी -

  • एक बार एक पंडित जी जंगल के रास्ते से अपने गाँव आ रहे थे। 
पंडित जी बहुत हट्टे-कट्टे और बहादुर इंसान थे। वे 
कुश्ती के तगड़े शौकीन भी थे।
जंगल के रास्ते पर अपनी मौज में गुनगुनाते हुए पंडित जी चले जा रहे थे कि अचानक सामने से शेर आ गया।




पंडित जी की साँसें थम गई। जान हथेली पर आ गई और
बेहाल हो गए। शेर जोर की दहाड़ मार कर पंडित जी पर उछल पड़ा और पंडित जी को भी और कुछ न सूझा, पंडित जी ने भी शेर को दोनों हाथों से पकड़ लिया और 
खुद को शेर से बचाते हुए उसे पकड़ कर उसके ऊपर बैठ गए और कुछ देर तक कशमकश के बाद पंडित जी ने शेर को मार दिया।

पंडित जी ने शेर के कान काटकर जेब में रख लिए ताकि राजा को दिखाकर अपनी बहादुरी का ईनाम ले सके। पंडित जी के जाते ही वहाँ कुछ सैनिक आ गए और उन्होंने मरे हुए शेर को देखकर शेर की पूंछ काट ली और सोचा राजा को क्या पता कि शेर को किसने मारा है और हमें ईनाम मिल जाएगा।

पर इतेफाक ऐसा हुआ कि पंडित जी और सैनिक एक ही समय पर दरबार पहुँचे। अब पंडित जी और सैनिक अपनी-अपनी जिद पर अड़ गए और राजा के लिए ये फैसला मुसीबत बन गया।

तब राजा ने उन सभी को मूलाराम के पास जाने की सलाह दी और कहा कि अब वही तुम्हारा फैसला करेंगे।
पंडित जी और सैनिक मूलाराम के गाँव जा पहुँचे। 




मूलाराम से मिले और सारी बात बताई।
मूलाराम ने उन्हें कहा - बस इतनी सी बात ! ये तो मैं बता ही दूँगा पर आप आए हैं तो आज-आज तो ठहरिए| 

पंडित जी और सैनिक ठहरने के लिए राजी हो गए ।

शाम हुई, सबने खाना खाया। मूलाराम जी जरा बाहर चले गए थे और उनका लड़का पंडित जी और सैनिकों के पास आकर बोला कि "मेरे पिताजी भी यहीं सोएंगे पर दिक्कत ये है कि उनको कभी-कभी दौरे आते हैं और अगर उन्हें रात को दौरे आ जाए तो जरा ध्यान रखना, क्योंकि फिर वो आपको जान से भी मार सकते हैं" ।

ये मूलाराम जी ने ही अपने बेटे से कहलवाया था।

अब रात हुई, सब सो गए पर सैनिकों के बारह बजे हुए थे । एक कोने में दुबके पड़े थे। वहीं पंडित जी निश्चिन्त होकर खर्राटे ले रहे थे।

तभी मूलाराम जी हिलने लगे। फिर जोर-जोर से चिल्लाकर कूदने लगे , सारे सैनिक डर के मारे वहाँ से निकल भागे पर पंडित जी ने मूलाराम को पकड़ कर काबू कर लिया तो मूलाराम बोले - अरे भई छोड़ दे, हो गया फैसला। वो कायर सैनिक कहाँ से शेर मारेंगे।

मूलाराम जी ने पंडित जी के साथ लिखवा भेजा कि शेर पंडित जी ने ही मारा है और पंडित जी को अपना ईनाम मिल गया।


Happiness quotes in Hindi | Happiness Thoughts in Hindi with images

Naveen Choudhary

Best beautiful happiness quotes in Hindi with images which give you a right direction if you are finding happiness.

The happiness is essential in life. And such time is going on now that most of people are suffering from depression and stress. Come out from tensions of life and live freely.

So, these happiness quotes I wrote with only the purpose of sharing some happiness with you.
Enjoy the life happily with your family and with friends. Friends leads the roll to make you happy.

# Happiness quotes in Hindi


                                                                                                                                 (1)

खुशियाँ समेटने की कोशिश करोगे तो बिखर जाएंगी और बाँटने लगोगे तो निखर जाएंगी।

                                                                                                                                    (2)

खुशियाँ, देखने वाले के नजरिए पर निर्भर करती हैं, तभी तो कोई सबकुछ पाकर भी दुखी है और कोई कुछ भी न होने के बाद भी सुखी।

                                                                                                                                   (3)

बिना कड़वाहट के मिठास का
बिना सूखे के बरसात का
बिना दुखों के खुशियों का मजा नहीं आता।

# happiness quotes in Hindi with images
                                                                                                                              (4)

इस दुनिया की हर चीज में खुशियाँ तो नहीं पर खुश रहने का जरिया समाया है ।

                                                                                                                          (5)

हर एक जिंदगी के हर एक काम का मकसद किसी न किसी रूप में खुशियाँ प्राप्त करना होता है ।

# feel always happy
                                                                                                                            (6)

खुश रहने का पहला रास्ता है "संतुष्टि"
बाकी सब इसके बाद है ।

# shayari on happiness in Hindi
# happy quotes in Hindi on life

                                                                                                                            (7)

अगर आप अपनी सोच के मुताबिक काम हर दिन कर लेते हैं तो आप हर दिन बेहतरीन खुशी प्राप्त करते हैं ।

                                                                                                                         (8)

जब तक आप खुशियों को दूसरों में ढूँढ़ते रहोगे, तब तक आप अपना वक्त और खुशियाँ दोनों बर्बाद करेंगे।

# stay safe and stay happy.